अपनी उम्र कैसे बढ़ाये , बुढ़ापा कम करने के उपाय

  अपनी उम्र कैसे बढ़ाये , बुढ़ापा कम करने के उपाय 
 
सद्गुरु के वचनानुसार, 


आज जैसे जैसे समाज ज्यादा से ज्यादा  संम्पन्न हो रहे है। वह उतना ही बुरा खाना खा रहे हैं। भारत में गांव के लोग जिसे छूते भी नहीं है, बड़े शहरों  में लोग वैसा खाना खा रहे हैं। वैसा भोजन यानि आज पश्चमी समाज जो चीजें खा रहे है वह काम से कम ३० या ६० दिन पुरानी  होती है। योग में भोजन को सात्विक,राजसिक,तामसिक मानते है। 

तमस यानि जड़ता। अगर आप तामसिक भोजन खाएंगे तो आप में जड़ता आ जाएगी। जड़ता का मतलब बस आलसी होना नहीं हैं। जड़ता यानि कुछ चीजें धीमी हो जायेंगे। यानि सिस्टम में पुनर्निर्माण जल्दी नहीं होगा। 

आज आप जानते हैं की दिमाग से अच्छा काम लेने के लिए सबसे जरुरी हैं की दिमाग में नए सेल से कोशिकाएं जीवन भर जल्दी बनती रहे। अगर आप तामसिक भोजन खाते हैं जो आपके शरीर या आपकी ऊर्जा में जड़ता पैदा करता है तो आप धीरे धीरे चीजों का अच्छे से अनुभव नहीं कर पाएंगे। सभी यह समझते हैं तभी वह कोका कोला के प्याले या कॉफी या शराब या कुछ और पीते हैं। क्योंकि वह जानते है की इसे संतुलित करना जरूरी है। तो यह संतुलन लाने का बचकाना तरीका है। 
 
यानि पहले गलत चीजे खा कर फिर उसे सही चीजों से ठीक करना। दुनिया में सबसे ज्यादा एंटासिक दवाइयां दुनिया के लगभग ६० प्रतिशत एंटासिक अमेरिका में बेचें जाते हैं। जहां दुनिया के सबसे अमीर लोग है,यानि वहां कई विकल्प हैं। वह बेहतरीन खाना खा सकते हैं, पर नहीं,वह सबसे ख़राब खा रहे है क्योंकि कमर्शियल बिजनेस आपका भोजन तय कर रहे है। 

आप सचेत होकर कुछ नहीं खा रहे हैं मान लीजिये लोग ताजा खाना खाने लगे। योग संस्कृति में अगर आप कुछ पकाते हैं तो उसे ज्यादा से ज्यादा डेढ़ घंटे में खा लिया जाता है। ९० मिनट से पहले उसे खा लेना चाहिए। उसके बाद भोजन को नहीं छुआ जाता क्योकिं उसमे तमस आने लगता हैं। यानि जड़ता होगी आप प्रयोग करना चाहे तो कर सकते हैं। एक सप्ताह तक ताज़ी चीजे खाये। और फिर कोई प्रोसेस चीज खाये जो एक दो महीने तक रखी गई हो। आप शरीर में सतर्कता का स्तर देखेंगे ,आप इसे खुद अनुभव कर पाएंगे। 


यह सेल् या कोशिकाओं में होता हैं इसकी मूल चीज है। हम इसे ओजस कहते हैं। इसका कोई अंग्रेजी शब्द नहीं हैं।  अगर आप काफी ओजस पैदा करे जो कि ऊर्जा का एक गैर भौतिक आयाम है। अगर आपके शरीर की हर कोशिका या सेल में ओजस हो तो यकीन मानिये आपकी उम्र लगभग रुक जाएगी। आपके सैलुलर ऐज लम्बे समय तक स्थिर रहेगी। 

भोजन से एक और चीज जुड़ी  हैं जिसे विशुद्ध आहार कहते हैं। यानि अगर आप एक चीज खा कर कुछ ऐसा खाते हैं जो उसके खिलाफ काम करता हैं तो शरीर में जंग छिड़ जाएगी। पाचन प्रक्रिया काफी हद तक एसिड अल्कलाइन जैसी चीजों से होती हैं। मान लीजिये आप फैट वाला मांस खाते हैं तो मांस अकेला उतना नुकसान नहीं पहुंचाएगा। पर उसे चावल और घी यानि बिरयानी के साथ खाने में ज्यादा नुकसान होगा। क्योकि यह दोनों चीजे एक दूसरे के खिलाफ है इसी वजह से कोई भी मांसाहारी चीज और दूध या दूध से जुड़ा भोजन एक साथ नहीं खाते क्योंकि उन्हें मिलाने से वह एक दूसरे के खिलाफ हो जायेंगे। और आपके भीतर एक जंग पैदा कर देंगे। 

योग विज्ञान  के हिसाब से भोजन पेट की थैली में ढाई घंटे से ज्यादा नहीं रहना चाहिए। ढाई घंटे में वह बाहर चला जाना चाहिए। और पेट खाली हो जाना चाहिए। भूख नहीं लगेगी पेट खाली रहेगा। यह अच्छा हैं। हम पेट को हमेशा खाली रखना चाहते है। क्योंकि तब हर चीज बेहतर काम करती है। और पेट की सेहद को आज बिलकुल नजरअंदाज  कर दिया गया है। 

अगर आप पेट को साफ़ नहीं रखते तो मन को संतुलित रखना बहुत मुश्किल हैं। तो आयुर्वेद और सिद्ध में अगर आपकी रातों की नींद डिस्टर्ब हो रही है आपको कोई परेशानी है या कोई मानसिक समस्याएं है  तो सबसे पहले ये शुद्धिकरण किया जाता है। पेट की सफाई से अचानक संतुलन महसूस होता है। 

तो ईशा योग केंद्र में हम सुबह नीम और हल्दी की एक छोटी गोली खाते हैं। इसके कई पहलू है यह आपके सिस्टम पर कई तरह से असर डालती है। सबसे पहले तो यह खाने से आपका पाचन तंत्र या सिस्टम साफ़ रहेगा। 



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